संदेश
नारी जाती को शिक्षित एवं स्वावलम्बी बनाने, भारतीय संस्कृति के अनुरूप जीवन मुल्यो को संरक्षित करने और समाज की एक महत्वपुर्ण इकाई के रूप में उसे सशक्त बनाने महत् उददेश्य से आदरणीय भ्राता श्री विन्ध्यवासिनी सिंह की प्रेरणा से इस वर्ष, विन्ध्य महिला महाविद्यालय, कछवॉ मीरजापुर की संस्थापक भुतभावन भगवान विश्वनाथ एवं विन्ध्यवासनी की कृपा से सम्भव हो सका हैं, विद्या, कला, अध्यात्म एवं साहित्य-साधना की महत्वपुर्ण आराधना स्थली के रूप में विख्यात काशी के निकत एवं मातृशक्ति पीठ विन्ध्याचल माता के हृदय स्थली में स्थित इस महाविद्यालय में सात विषयो हिन्दी, अॅग्रेजी, संस्कृत, समाजशास्त्र, इतिहास, गृह विज्ञान एवं शिक्षा शास्त्र, में त्रिवर्षीय स्नातक पाठयक्रम की शिक्षा दी जाती हैं, समग्र अनुशासन,पारदर्शिता एवं आधारित संरचना का अनुदिन विकास करते हुए यह महाविद्यालय क्षेत्र का गौरवाभिवर्धन करेगा, ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है, आप सभी क्षेत्रीय विव्दद्रजनो, राजनीतिज्ञो, अधिकारियों एवं अभिभावकों को सम्पुर्ण सहयोग की आकांक्षा के साथ-
डा0 रघुराज सिंह
संस्थापक